अशोक का धम्म | Ashok Dhamm Niti PDF in Hindi
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अशोक का इतिहास हमलोग सब पढ़ चुके होंगे क्योंकि भारत के इतिहास में अशोक के बारे में बहुत ही विस्तृत विवेचनाये दिया गया है| और अशोक के इतिहास से समबन्धित प्रश्न पूछना परीक्षा में साधारण बात हो गयी है इसीलिए आज का यह पोस्ट आपके लिए बेहद ही महत्वपूर्ण हो सकता है
अशोक का धम्म
अशोक का धर्म को लेकर इतिहासकार हमेशा से चर्चा में चले जाते है कि अशोक किस धर्म को माने थे लेकिन बाद में यह निष्कर्ष निकला गया कि अशोक बौध धर्म को मानते थे प्रस्न्तु वह सभी धर्मो के प्रति अपना सम्मा दिखाते थे|
अशोक का धम्म को विस्तार से समझने के लिए हमे उनके द्वारा प्रस्तुत किये गए शिलालेखो का अध्ययन करना चाहिए|
अशोक यह कहते थे कि सभी मनुष्यों को हमेशा अपने माता और पिता का सेवा करना चाहिए, अहिंसा से अपने मन को दूर रखना चाहिए और सत्य से प्रेम करना चाहिए|
इन्ही के साथ-साथ अशोक ने अपने धम्म निति में लिखा है कि सभी मनुष्य को शिक्षकों के प्रति श्रधा और रिश्तेदारों से अच्छा व्यवहार रखना चाहिए|
अशोक जानवरों के बलि के खिलाफ थे उनका कहना था कि हम सब प्राणी है और सभी प्रान्ती को अपने जीवन जीने का अधिकार है हमे बलि नहीं देना चाहिए और साथ ही ऐसा समारोह जो अर्थहीन है उनसे बचना चाहिए|
अशोक का शम्म से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- अशोक हमेह्सा लोगो को अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करता था|
- उनके अनुसार बलि प्रथा बिलकुल भी सही नहीं था और वह इनका निषेद करने की बात अपने शिलालेखो के माध्यम से किया था|
- अशोक ने अपने धम्म की प्रचार-प्रसार के लिए धम्म-महामात्रो कि नियुक्ति किया था|
- और धम्म की प्रचार के लिए धम्म यात्राये भी निकालें गये थे|
- अशोक का कहना था कि हमे युद्ध के बजाय धम्म के माध्यम से विजय प्राप्त करना चाहिए|
PDF Name: अशोक का धम्म PDF
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Category: Education
Quality: Excellent
Language: Hindi